आर्य समाज के सिद्धान्तों पर आधारित बालिका शिक्षा के उत्प्रेरक आर्य कन्या डिग्री काॅलेज की स्थापना प्रयागराज में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक संघटक महाविद्यालय के रूप में सन् 1975 में हुई। महाविद्यालय की स्थापना वर्ष से ही संस्कृत विभाग बालिकाओं के सर्वागीण विकास हेतु विभिन्न प्रकार के ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों का प्रतिवर्ष आयोजन करता रहा है जिसमे राष्ट्रीयएवं अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों का प्रतिर्वष आयोजन होता रहा है। सन् 2017 मंें श्कालिदास का काव्य और चैंसठ कलायेंश् विषय पर एवं सन् 2020 में श्वैश्विक परिप्रेक्ष्य में श्रीमद्भगवद्गीता की प्रासंगिकताश् विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। संस्कृत-विभाग प्रतिवर्ष अगस्त माह में संस्कृत-सप्ताह के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन जैसे श्लोक, पाठ-प्रतियोगिता, भाषण-प्रतियोगिता, पठन-प्रतियोगिता, गीत-गायन प्रतियोगिता का आयोजन करता रहा है। प्रतिवर्ष विद्यार्थियों के संस्कृत भाषा के ज्ञानवर्धन हेतु सम्भाषण-शिविर का आयोजन करता रहा है। संस्कृत-विभाग अपने महाविद्यालय के साथ-साथ अन्य महाविद्यालयों द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों को प्रतिभाग करने हेतु प्रोत्साहित करता रहा है। जिसमें विद्यार्थी अग्रिम श्रेणी में पुरस्कृत होकर महाविद्यालय की गरिमा बढ़ाते हैं। महाविद्यालय में संस्कृत-विभाग के अन्तर्गत ज्ञान के विविध आयामों-दर्शन, वेद, व्याकरण साहित्य इत्यादि विषयों पर उच्च कोटि का पठन-पाठन क्रियान्वित होता है। संस्कृत-विभाग से शिक्षित होकर छात्राएँ विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन का कार्य कर रही हैं। राष्ट्रीय स्तर की नेट-प्रतियोगिता विभिन्न छात्राओं ने उत्तीर्ण की है। संस्कृत-विभाग को सवंर्धित करने में संस्कृत-विभाग की शिक्षिकाओं का अभूतपूर्व योगदान रहा है। वैदिक ज्ञान के क्षेत्र में डा0 उर्मिला श्रीवास्तव (सेवानिवृत्त), सहित्य के क्षेत्र में डा0 पुष्पलता अग्रवाल (सेवानिवृत्त), दर्शन के क्षेत्र में डा0 निशा खन्ना, व्याकरण के क्षेत्र में श्रीमती सोनमती पटेल, साहित्य के क्षेत्र में डा0 पूजा जायसवाल निरन्तर अपने अध्ययन-अध्यापन से महाविद्यालय को अग्रेषित कर रहीं हैं।