आर्य कन्या डिग्री कॉलेज की स्थापना अंतर्राष्ट्रीय महिला वर्ष सन 1975 में हुई थी । स्थापना वर्ष से ही महाविद्यालय का हिन्दी विभाग छात्राओं को हिन्दी विषय का ज्ञान और पाठ्यक्रम की शिक्षा देने के लिए सक्रिय है । विभाग हिन्दी साहित्य परिषद सृजन के अंतर्गत शिक्षणेत्तर गतिविधियां आयोजित करता है । हिन्दी पखवाड़ा 14 से 28 सितंबर तक अंतरराष्ट्रीय हिन्दी दिवस 10 जनवरी को तथा अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को मनाया जाता है। समय-समय पर साहित्यकारों के जन्मदिन उत्सव के रूप में आयोजित होते हैं। इन अवसरों पर अंतर महाविद्यालयीय एवं विश्वविद्यालय स्तर पर निबंध, कहानी, कविता, सुलेख, काव्य पाठ पोस्टर, स्लोगन, प्रपत्र प्रस्तुतीकरण, पत्र लेखन, रिपोर्ट लेखन, समाचार लेखन आदि प्रतियोगिताएं सम्पन्न होती हैं । विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार देकर उनका उत्साहवर्धन किया जाता है । छात्राओं के बौद्धिक विकास की दृष्टि से विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं। अभिनय कला की जानकारी समूह चर्चा क्विज आदि भी शिक्षणेत्तर क्रियाकलापों का अंग है ।
छात्राएं अन्य महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं तथा कार्यक्रमों में प्रतिभाग करती हैं तथा पुरस्कृत होती हैं । सामाजिक सरोकारों से जुड़ाव तथा व्यवहारिक ज्ञान हेतु विभाग की छात्राएं प्रतिवर्ष साहित्य या ऐतिहासिक स्थलों पर जाती हैं । श्रृंगवेरपुर, लमही, वाराणसी, सारनाथ, चुनारगढ़, विंडम फॉल, कौशाम्बी, सीतामढ़ी, चित्रकूट आदि स्थलों का शैक्षणिक भ्रमण छात्राओं के लिए ज्ञानवर्धक रहा है ।
महाविद्यालय की इकाई और राजभाषा कार्यान्वयन समिति इलाहाबाद विश्वविद्यालय के साथ मिलकर भी कार्यक्रम आयोजित होते हैं । विभागीय शिक्षिकाएं उसकी सदस्य हैं । राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए छात्राओं को जागरूक करके हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देना इसका लक्ष्य है ।
हिन्दी विभाग तीन राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों का आयोजन कर चुका है । 26-27 सितंबर 2008 में ष्महिला लेखन के संदर्भ में स्त्री विमर्शष् विषय पर, 30 जनवरी 2010 में समकालीन हिन्दी लेखन में आधुनिक संवेदना विषय पर 2014 दिसंबर में ष्हिन्दी भाषा और साहित्य की वैश्विक स्थितिष् विषय पर, 2, 3 फरवरी 2016 को ष्प्रसाद का साहित्य: नवजागरण का उद्घोषष् विषय पर संगोष्ठियां आयोजित की गई थी । वर्ष 2020-21 का समय कोविड-19 के प्रकोप का था । इस आपदा को अवसर में बदलते हुए वर्ष 2020 में कोविड 19 के संदर्भ में बदलती साहित्य चेतना शीर्षक से अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया । इसी क्रम में राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कवि सम्मेलनों का भी आयोजन हुआ है । हिन्दी के सर्वाेत्कृष्ट शिक्षण हेतु हिंदी विभाग संकल्पबद्ध है ।
वर्तमान में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ कल्पना वर्मा असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर तिवारी एवं डॉ शशि कुमारी अध्यापन एवं अन्य गतिविधियों से विभाग एवं महाविद्यालय के विकास में योगदान दे रही हैं ।